भगवान गणेश और महालक्ष्मी की पूजा से सभी दुख दूर हो सकते हैं। श्री गणेश की कृपा से रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है और महालक्ष्मी की कृपा से गरीबी दूर होती है। यहां जानिए इन दोनों की कृपा एक साथ पाने का उपाय...
किसी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं ये उपाय
जिस मुहूर्त में उपाय करना हो, उस दिन सुबह जल्दी उठें। स्नान आदि कर्मों के बाद पीले कपड़े पहनें। किसी मंदिर में जाएं या घर के मंदिर में ही श्री गणेश और लक्ष्मीजी की पूजा का प्रबंध करें। पूजा की तैयारी के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठ जाएं।
श्रीगणेश की मूर्ति को हल्दी से पीले किए हुए चावल पर विराजित करें।
श्रीगणेश की मूर्ति को हल्दी से पीले किए हुए चावल पर विराजित करें।
देवी लक्ष्मी को कुमकुम से लाल किए हुए चावल पर विराजित करें।
दोनों देवी-देवता को पवित्र जल से स्नान कराएं।
स्नान के बाद गणेशजी को चंदन, लाल फूल चढ़ाएं। देवी लक्ष्मी को भी कुमकुम और लाल फूल चढ़ाएं।
प्रसाद के लिए गुड़ के लड्डू और दूध से बनी खीर का भोग लगाएं।
इस प्रकार पूजा करने के बाद धूप व दीप जलाएं। लक्ष्मी-गणेशजी की आरती करें।
इस प्रकार पूजा करने के बाद धूप व दीप जलाएं। लक्ष्मी-गणेशजी की आरती करें।
पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगते हुए परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करें।
इसके बाद चरणामृत और प्रसाद वितरित करें और खुद भी लें।
इस पूजन के साथ ही गणेशजी और महालक्ष्मी के मंत्रों का जप भी किया जाना चाहिए।
लक्ष्मी-विनायक मंत्र
दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरदे सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।।
श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरदे सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।।
पूजन के समय इस लक्ष्मी-विनायक के मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जप के लिए कमल के गट्टे की माला काउपयोग करना चाहिए।
ध्यान रखें मंत्र का जप सही उच्चारण के साथ करना चाहिए।
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